कहीं गीता के वारिस हैं कहीं कुरआन के वारिस
हकीक़त में मगर यह सब हैं हिन्दुस्तान के वारिस
हमारी पारसाई पर खुदाई नाज करती है
हमीं हैं हाँ हमीं हैं दौलते ईमान के वारिस
अदब और शायरी का दोस्तों हाफिज़ खुदा होगा
अगर जाहिल रहेंगे मीर के दीवान के वारिस
मुझे हर एक मजहब से जियादा देश प्यारा है
मेरी यह बात सुन लें धर्म के ईमान के वारिस
वो जिसके नाम से लाखों हजारों फैज़ पाते थे
बिलखते भूख से देखे हैं उस सुलतान के वारिस
मयंक अठखेलियाँ हैं जो मौजे हवादिस से
हकीक़त में वही तो होते हैं तूफ़ान के वारिस
मयंक अठखेलियाँ करते हैंजो मौजे हवादिस से
जवाब देंहटाएंहकीक़त में वही तो होते हैं तूफ़ान के वारिस
खूबसूरत !
मयंक जी इस खूबसूरत ग़ज़ल के लिए तहे दिल से दाद कबूल कीजिये...हर शेर क्या खूब कहा है...वाह भाई वाह...
जवाब देंहटाएंनीरज